अब नही होगा डेटा चोरी नया बिल लाएगी सरकार

 लखनऊ- देश में जल्द एक नया डेटा प्राइवेसी बिल लाया जाएगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि IT मिनिस्टर अश्विन वैष्णव इस बिल पर कार्य कर रहे हैं। सीतारमण का कहना था कि नए बिल से प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा। 

केंद्र सरकार ने पिछले महीने विवादास्पद पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल वापस ले लिया था। सरकार ने कहा था कि वह एक नए कानून पर कार्य कर रही है। लगभग तीन वर्ष पहले लाए गए इस बिल में विदेश में डेटा भेजने को लेकर कड़े रेगुलेशंस का प्रस्ताव दिया गया था। इसके साथ ही कंपनियों से यूजर्स का डेटा मांगने की सरकार को शक्ति देने का भी सुझाव था। सीतारमण ने US-India Business Council की ओर से आयोजित समिट में बताया, "हम जल्द ही एक नया डेटा प्राइवेसी बिल लाएंगे। यह विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाएगा और इससे प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा।" 



संसद के एक पैनल की ओर से पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई संशोधनों का सुझाव देने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस बिल को वापस ले लिया था। सरकार ने इससे पहले बताया था कि पैनल ने 99 सेक्शंस के बिल में 81 संशोधन करने का सुझाव दिया है। इस बिल से गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की चिंता बढ़ गई थी। इन कंपनियों का कहना था कि इससे उन पर कम्प्लायंस का बोझ और डेटा स्टोरेज की जरूरतें बढ़ जाएंगी। 


पिछले कुछ वर्षों में देश में इंटरनेट के जरिए अपराध के मामलों में तेजी आई है। पिछले वर्ष देश में इस तरह के मामलों की संख्या लगभग पांच प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि, इनमें से केवल एक-तिहाई मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। सायबरक्राइम के अधिकतर मामले फ्रॉड से जुड़े थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष सायबरक्राइम के 52,974 मामलों की रिपोर्ट मिली थी। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक असम, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से थे। हालांकि, इनमें से ककेवल 33.8 प्रतिशत मामलों में  चार्जशीट दाखिल की गई है। पिछले वर्ष सायबरक्राइम के कुल मामलों में से 60.8 प्रतिशत का कारण फ्रॉड था। वसूली और यौन उत्पीड़न के मामले क्रमशः 5.4 प्रतिशत और लगभग 8.6 प्रतिशत थे। तेलंगाना में इस तरह के मामलों की संख्या 10,303 के साथ सबसे अधिक थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 8,829, कर्नाटक में 8,136 और महाराष्ट्र में 5,662 सायबरक्राइम के मामले दर्ज किए गए।  

Post a Comment

Previous Post Next Post