लखनऊ- इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में काफी अलग है. इस बार के चुनाव में उन राजनीतिक पार्टियों के साथ गठबंधन देखने को मिला है जो कभी एक दूसरे के धूर विरोधी रहे थे और एक दूसरे को कोसते नहीं थकते थे. हालांकि, देश की सियासत का मिजाज अब बदल चुका है और एक तरफ 50 से अधिक पार्टियों के साथ एनडीए है तो दूसरी ओर 25 से अधिक पार्टियों के कुनबे के साथ इंडिया गठबंधन है जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई अन्य विपक्षी पार्टिया हैं. इस बार के चुनाव में कई दिलचस्प चीजें भी देखने को मिल रही है.
इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में काफी अलग है. इस बार के चुनाव में उन राजनीतिक पार्टियों के साथ गठबंधन देखने को मिला है जो कभी एक दूसरे के धूर विरोधी रहे थे और एक दूसरे को कोसते नहीं थकते थे. हालांकि, देश की सियासत का मिजाज अब बदल चुका है और एक तरफ 50 से अधिक पार्टियों के साथ एनडीए है तो दूसरी ओर 25 से अधिक पार्टियों के कुनबे के साथ इंडिया गठबंधन है जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई अन्य विपक्षी पार्टिया हैं. इस बार के चुनाव में कई दिलचस्प चीजें भी देखने को मिल रही है.
आजादी के बाद पहली बार 2024 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार कांग्रेस को वोट नहीं दे पाएगा. वहीं आम आदमी पार्टी का केजरीवाल परिवार भी इन चुनावों में झाड़ू के निशान पर बटन नहीं दबा पाएगा. इसके पीछे कोई खास नहीं बल्कि सियासी वजह है. ऐसा नहीं है कि गांधी परिवार वोट नहीं करेगा, वोट तो करेगा, लेकिन दूसरी पार्टी को.
नई दिल्ली सीट पर गांधी परिवार का वोट
दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता होने से एक दिलचस्प तस्वीर उभर कर सामने आई है. समझौते के तहत नई दिल्ली की सीट आप को मिली है, तो चांदनी चौंक की सीट कांग्रेस के खाते में गई है. अब नई दिल्ली सीट पर गांधी परिवार के चारों सदस्य सोनिया, राहुल, प्रियंका, रॉबर्ट वाड्रा का वोट है, वहां से कांग्रेस की बजाय आप उम्मीदवार सोमनाथ भारती इंडिया गठबंधन की तरफ से बीजेपी उम्मीदवार सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज का मुकाबला कर हैं. ऐसे मजबूरी में गांधी परिवार को अपने हाथ से झाड़ू का बटन दबाना होगा.