Savan aur Kissan


                           सावन और किसान


अजीब विडंबना है... छत टपकती है उसके कच्चे मकान की, लेकिन फिर भी वह बारिश की दुआ करता है। जमीन जल चुकी है, लेकिन आसमान अभी बाकी है, यह हमारा किसान है जो दिन-रात भूखे पेट.. खेतों में मेहनत करता है ताकि वह दूसरों का पेट भर सके, किसान तभी खुश होता जब उसकी फसल अच्छी व उपजाऊ होती है। सर्दी- गर्मी या फिर बारिश सब कुछ सह जाता। आसमान पर रहती नजर हमेशा वह आंधी-तूफ़ान सब देखता है। अपनी फसलों को खिलखिलाती देखने के लिए कई मुसीबतों का सामना करता है। मेहनत और लगन उनका का भोजन है। चहचहाती चिड़ियों की आवाज और खिलखिलाती फसले उनके मन को प्रकुलित करती हैं। जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन होता है वैसे-वैसे फसलों में परिणाम नजर आता है। सावन, जो बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है ये किसानों के लिए वरदान माना जाता है इस महीने में लोग उपवास रखते हैं जिससे उन्हें अच्छा फल मिल सकें परंतु किसान अपनी फसल अच्छी होने की कामना करता है। इस महीने में झूला- झूलने का विशेष महत्व है, जो पौराणिक मान्यताओं को उजागर करता है। धान की फसल के लिए यह महीना बहुत उत्तम है। किसान इस महीने में धान की खेती करता है। गीली मिट्टी व खेत में भरे पानी का सामना करते हुए धरती पर धान उत्पन्न करता है। पिछले कई वर्षों के मुकाबले इस वर्ष, धान की फसल में परिवर्तन  देखने को मिला है कहीं अच्छा तो कहीं बुरा। वैसे हम सभी जानते हैं कि पहले  गोबर की खाद व अन्य प्राकृतिक उत्पाद का उपयोग किया जाता था  परंतु आज के समय में किसान यूरिया तथा डीएपी का उपयोग करता है जिससे आज नई-नई बीमारियां जन्म ले रही हैं इन बीमारियों का कारण भी हम ही हैं। जो प्राकृतिक चीजों से दूर हो रहे हैं और रसायनिक चीजों से जुड़ रहे। किसान साल भर मेहनत करते और अनाज उगाते हैं  अंत में उनको मिलता क्या है? "बस  चार आना" कहां गई वो योजनाएं और कहां गए नेताओं के वादे। क्यों हम किसान की कीमत को नहीं समझते और क्यों हम अपना बचा हुआ भोजन फेंक देते? क्यों ना जितनी भूख हो उतना ही थाली में परोसे? आखिर कब तक ऐसे ही किसानों पर जुल्म होते रहेंगे?



                 'जय जवान जय किसान'


 जो भगवान का सौदा करता है, वह इंसान की कीमत क्या जाने? जो धान की कीमत ना दे सके वो किसान और जान की कीमत क्या जाने?https://youtu.be/GUlNy2HakCc


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