राजधानी लखनऊ मे आम आदमी पार्टी यूपी प्रभारी संजय सिंह ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता की जिसमें संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी राज में रोजगार मांगने पर युवाओं को लाठियां मिल रही हैं। सुहागिन शिक्षामित्र बहनों को नौकरी के लिए मुंडन कराना पड़ रहा है। योगी राज में बेरोजगारी की समस्या और गहराई है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल 28 नवंबर को लखनऊ आएंगे और यहां रोजगार गारंटी रैली को संबोधित करेंगे। वह बताएंगे कि आम आदमी पार्टी यूपी को बेरोजगारी की समस्या से उबारने के लिए क्या काम करेगी।
इस दौरान कासगंज में पुलिस हिरासत में युवक की मौत पर सवाल खड़ा करते हुए संजय सिंह ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह और प्रदेश सह प्रभारी ब्रज कुमारी सिंह प्रेस वार्ता में मौजूद रहे।
संजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में केजरीवाल की पहली गारंटी 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदेश में अभियान के रूप में चल रहा है। इसे आम आदमी का भरपूर साथ मिल रहा है। लोग खुद आकर कार्यकर्ताओं से गारंटी फार्म मांग कर भर रहे हैं और गारंटी कार्ड ले रहे हैं। इसी तरह अब केजरीवाल रोजगार की गारंटी देने आ रहे हैं। सांसद संजय सिंह ने कहा कि योगी राज में युवाओं का उत्पीड़न चरम पर पहुंच गया है। नौकरी के लिए युवाओं को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती आदि के अभ्यर्थी सहित शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी, अनुदेशक आदि सभी परेशान हैं। शिक्षक भर्ती में आवेदन करने वाली एक बहन 90 दिन से पानी की टंकी पर प्रदर्शन कर रही है, लेकिन योगी सरकार पसीज नहीं रही। नौकरी के लिए परेशान यूपी के युवाओं को रोजगार की गारंटी देने की खातिर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल 28 को लखनऊ आ रहे हैं। इसमें वह यह जानकारी देंगे कि प्रदेश को बेरोजगारी की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए आप यहां किस तरह से काम करेगी।
संजय सिंह ने कहा कि इस सरकार में कानून का राज नहीं रहा। यह सरकार संविधान से नहीं चल रही। खुद मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनकी सरकार ठोको नीति पर चल रही है। इसी ठोको नीति का नया शिकार कासगंज कोतवाली में मारा गया अल्ताफ है। इसी नीति के तहत किशोर प्रभात मिश्रा पर गोलियांं बरसाकर मौत के घाट उतार दिया गया। ठोको नीति पर काम करने वाली योगी जी की पुलिस द्वारा अपनी हत्या का अंदेशा जताने के बाद भी आइपीएस पाटीदार ने उन्हें जान से मरवा दिया। मनीष गुप्ता से लेकर अरुण वाल्मीकि तक योगी की इसी ठोको नीति का शिकार हैं। अब अल्ताफ मामले में वहां के एसपी हास्यास्पद बयान दे रहे हैं कि साढ़े पांच फीट लंबेे युवक ने ढाई फीट ऊंची टोंटी से फंदा लगाकर जान दे दी। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। आम आदमी पार्टी अल्ताफ के परिवार के एक व्यक्ति के लिए नौकरी और परिवारीजन के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग भी करती है। योगी सरकार इसके बाद भी बेहतर कानून व्यवस्था का दावा कर रही है, जबकि तथ्य यह है कि योगी राज में 1318 लोगों की हिरासत में मौत हुई है। कस्टडी में मौत के मामलेे में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। पुलिस हिरासत में अल्ताफ की नहीं, संविधान की हत्या हुई है।
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