इंडिया लिटरेसी बोर्ड के अधिकारी उड़ा रहे सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेशों की धज्जियां

लखनऊ- इण्डिया लिट्रेसी बोर्ड, साक्षरता निकेतन परिसर, थाना सरोजनीनगर में चल रहे अवैध कार्योपर एस.डी.एम. सरोजनीनगरमेंप्रकरण की गम्भीरताको देखत ेहुए जॉंच का आदेष देते हुए जॉंच के निस्तारण तक यथास्थितिबनाये रखने का आदेषदिया।ज्ञात हो कि इण्डिया लिट्रेसी बोर्ड के प्रबन्ध तंत्र कोलेकर एस.एल.पी संख्या 27184/2010 माननीय उच्च्तम न्यायालय में एडमिट हो गइ र्है तथा प्रकरण माननीय उच्च्तम न्यायालय में अंतिम सुनवाई के स्तर पर है लेकिन वर्तमान प्रबन्ध तंत्र अवैध रूप से परिसर  मे स्थित तमाम ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी साक्षरता निकेतन मुख्य भवनको ध्वस्त करने का ठेकादेकर धवस्त करारहा था जिसेरोकने के लिए दूसरे प्रबन्ध तंत्र के सचिव के. जी. सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री जी, मानननीय प्रधानमंत्री जी, पुलिस महानिदेषक, अपर मुख्य सचिवगृह, आयुक्त लखनऊ मण्डल, पुलिसआयुक्त लखनऊ, डी.सी.पी. सेन्ट्रल लखनऊ, ए.सी.पी. कृणानगर, एस.डी.एम. सरोजनीनर व एस.एच.ओ. सरोजनी नगर को प्रार्थनापत्र माननीय उच्चतमन्यायालय के आदेष के साथ उपलबध करायें। प्रार्थनापत्र की एक प्रतिप्रषासनिक अधिकारी सुधारकर मानसिंह को भी दी गई थी।ज्ञातव्य हो कि एस.एल.पी संख्या 27184/2010 माननीय उच्च्तम न्यायालय मे इण्डिया लिट्रेसीबोर्ड का वर्तमानप्रबन्ध तंत्र भी पार्टी हैं और नोटिस रिसीव करके अपनापक्ष दाखिलकरचुका है तथा पूर्ण  रूप से अवगतहैकि वो अस्थाई रूप से माननीय उच्चतम न्यायालय  के अंतिमनिर्णयों के तहत के काम कर रहे है परन्तु जब निदेषिका संध्या तिवारी व प्रषासनिक अधिकारी सुधाकर मानसिंह से पूछा गया तब उन्होने जान बूझ कर माननीय उच्चचतमन्यायालय मेंलंबितप्रकरण के सम्बन्ध मे अनभिग्यता जताइ र्और के. जी. सिंह द्वारा उपलब्ध कराये गये आदेष को मानने से इंकार कर दिया। 



पुलिस के पहुचने पर भी उच्च गुणवत्ता के भवन के ध्वस्तीकरण का कामजारी रखा।यह भी ज्ञात हो कि सुधाकरमान सिंह स्वयं मुकद्मा अपराध संख्या 162/2002 थाना सरोजनी नगर में डकैती तथा अन्य गंभीर अपराधों के मुकद् में में नाम जद अभियुक्त है तथा उसक ाट्रायल माननीय न्यायालय में लगातार चल रहा ह ैफिर भी उनकी इसी विषेज्ञताको देखते हुए वर्तमानप्रबन्ध तंत्र ने उस ेप्रषासनिक अधिकारी बना रखा है उसके पास एक लाइसें सीरिवाल्वर भी ह ैजिसके बल पर वह षस्त्र प्रदर्षन कर दबंगई करता है और विजेन्द ्रकुमार मिश्रा को जान माल की धमकी भी दे चुकाहै। इतने 

सातिर अभियुक्त का अभी तक ष्सस्त्र लाइसेंस निलंबित नही किया गया है क्योकि वह अपने को एन.के.एस. चौहान जो वर्तमान में सेवानिवृत्ति के पष्चात् मुख्यमंत्री कार्यालय म ेंओ.एस.डी. का रिष्तेदार बताता ह ैतथा एन.के.एस. चौहान बात-बात पर अपने पद का दुरूपयोग करत ेहुय ेथाना सरोजनी नगर और अन्य अधिकारियों पर बेजादबाव बनाते है एंव फर्जी एफ.आई.आर. दज र्करात ेहै। परिसर में रहने वाले तमाम कर्मचारी जो किसी न किसी कारण से निदेषिका संध्या तिवारी, प्रषासनिक अधिकारी सुधाकरमान सिंह के गलतनिर्णयों से प्रताडित है ने सामूहिक रूप से एस.डी.एम. सरोजनीनगर और एस.एच.ओ. सरोजनी नगर को सभी अभिलेख उपलब्ध करातेहुयेप्रकरण की जॉंचकराने व तोड-फोड रूकवाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर एस.डी.एम. सरोजनी नगर मे प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए जॉंच का आदेष देते हुए जॉंच के निस्तारणतक यथा स्थिति बनाये रखने का आदेष दिया।हमारे संवाददाता ने षिकायत कता र्श्री के. जी. सिंह, वी के मिश्रा, बीनाचतुर्वेदी, उमेष, आई. पी. सिंह, हरिषचन्द्र एंवकलीमइत्यादि से बात की तो सब ने बताया कि वर्तमान प्रबन्धतंत्र जो कि अस्थाई है वो कोई भी स्थायी निर्माण गिराने हेतु अधिकृत नही है साथ ही निदेषक संध्या तिवारी सभी कर्मचारियों से बहुत बदतमीजी करती है और बात-बात पर अपने आई.ए.एस. होने तथा अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह पूर्वआई.ए.एस. के नाम परफर्जी एफ.आई.आर. कर  के जेल भिजवाने की धम की देती है।कुछ कर्मचारियों के विरूद्व इन्होने फर्जी एफ.आई.आर. करवाभी रखी है। इस प्रकार पूरे परिसर में भय का माहौल बना करमनमानी की जा रहीहै।





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