यूपी में माफियाओं पर योगी सरकार का कसता शिकंजा

लखनऊ- योगी सरकार यूपी में अपराधियों पर नकेल कस रही है। लखनऊ में गैंगस्टर पर कार्रवाई की गई है। वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर पूर्व प्रधान द्वारा निर्माण कराए गए पक्के मकान को वन विभाग व राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से ढहवा दिया। इस दौरान पुलिस मौजूद रही। टीम ने गैंगेस्टर के आरोपी पूर्व प्रधान के दोनों मकान ढहा कर करीब एक करोड़ की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया।

प्रतिबंधित मवेशी की हत्या पर दर्ज हुआ था केस: कुर्सी थाना क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व पिलेहटी के जंगल में वध प्रतिबंधित मवेशी की हत्या की गई थी। इसमें पूर्व प्रधान कासिम का नाम भी सामने आया था। पुलिस ने इसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। 19 जून को कासिम की पुत्री की शादी थी। इसके लिए पांच प्रतिबंधित मवेशी काटे गए थे। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों मौके से गिरफ्तार किया था। कासिम व उसका लड़का हारुन ने दो दिन बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

वन विभाग ने भी दर्ज कराया था केस: गैंगेस्टर एक्ट का केस दर्ज होने के बाद वन विभाग की टीम ने शिकायत पर जांच की तो पाया कि कासिम ने वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर पक्के मकान का निर्माण कराया लिया है। इस पर टीम की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

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डीएफओ रुस्तम परवेज अपनी जिले की टीम के साथ, फतेहपुर एसडीएम सचिन कुमार वर्मा, तहसीलदार राहुल सिंह, वन विभाग के एसडीओ एनके सिंह, क्षेत्राधिकारी योगेंद्र कुमार सिंह दो जीसीबी लेकर गांव पहुंचे तो गांव में हड़कंप मचा गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद  रहा। बड्डूपुर, घुंघटेर व कुर्सी पुलिस मौजूद थी।

करीब एक करोड़ की जमीन कराई गई खाली: वन विभाग की टीम व फतेहपुर तहसील प्रशासन की टीम ने कार्रवाई शुरू की तो हड़कंप मच गया। सबसे पहले गांव के बाहर वन विभाग की जमीन पर बने आरोपी पूर्व प्रधान कासिम के घर पर बुल्डोजर चला। पूरा मकान जमीदोंज करने के बाद गांव में भी इसके मकान को ढहाया गया। दोनो मकान करीब एक व दो बीघा में बने थे। वन विभाग व तहसील प्रशासन द्वारा खाली कराई गई जमीन की कीमत करीब एक करोड़ रुपये बताई जा रही है।  


आरोपी का बेटे प्रधान व डीडीसी: गैंगेस्टर मो. कासिम पर कई केस दर्ज है। कासिम पूर्व प्रधान है। मौजूदा समय में इसका एक बेटा दिलशाद प्रधान है जबकि एक बेटा हारुन जिला पंचायत सदस्य है। मो. हारून पर भी हिस्ट्रीशीट लगी है। इसके खिलाफ भी कई केस दर्ज हैं।


मकान जमींदोज होने से परिवार हुआ बेघर

वन विभाग व तहसील प्रशासन ने आरोपी पूर्व प्रधान के दोनों मकान ढहवा दिए। जिससे पूरा परिवार बेघर हो गया। अपना मकान टूटते हुए देख घर की महिलाएं व बच्चे बिलख कर रो पड़े। महिलाएं टीम के सामने हाथ जोड़ कर विनती करती रही कि मकान का कुछ हिस्सा रहने के लिए छोड़ दिया जाए लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। पूरा मकान टूट जाने से परिवार बेघर हो गया। लोग घर का सामान सड़क पर रखते दिखाई दिए।

 



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