ज्ञानवापी मामले पर आए फैसले को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. जयपुर (राजस्थान) में उन्होंने कहा कि, मेरा मानना है कि वो फैसला (ज्ञानवापी फैसला) गलत है. ये फैसला पूजा स्थल अधिनियम 1991 (Places of Worship Act 1991) के खिलाफ है. भविष्य में ऐसे बहुत से मसलों को खोल देगा, जोकि देश में अस्थिर प्रभाव पैदा कर सकता है.राजस्थान के विधानसभा चुनाव पर ओवैसी की नजर
दरअअसल, राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी अपने दो दिवसीय राजस्थान के दौरे पर पहुंचे हैं. दरअसल, ओवैसी की पार्टी यहां मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. राजस्थान में ऐसी कई सीटें हैं, जहां मुसलमान के मतदान 30-40% हैं. मौजूदा समय में राजस्थान में 8 मुस्लिम विधायक हैं जो कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं.
मुस्लिम वोटबैंक को साधने में जुटे असदुद्दीन ओवैसी
ऐसे में ज्ञानवापी मामले पर आए फैसले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के बयान को आगामी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. ओवैसी की कोशिश है कि, चुनाव से पहले अधिक से अधिक वोटबैंक को अपने पाले में लाया जा सके. यही कारण है कि ओवैसी ज्ञानवापी के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं.
इससे पहले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी यूपी और उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने दोनों राज्यों में सरकार के इस कदम को गलत बताया है और कहा है कि इसके जरिए मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि, यह मुस्लिमों के खिलाफ टारगेटेड सर्वे है. निजी स्कूल, मिशनरी स्कूल, सरकारी स्कूल और आरएसएस के स्कूलों का भी सर्वे होना चाहिए. सरकार को मदरसों के कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ये निजी मदरसे हैं और इनको मदरसा बोर्ड से मान्यता नहीं मिली है.