भारतीय संस्कृति की अनन्य प्रतीक है हिंदी- सीएम योगी

 लखनऊ- आज यानी 14 सितंबर का दिन देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य हिंदी भाषा का उत्थान और विकास करना है. इस खास अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेश वासियों और हिंदी प्रेमियों को 'हिंदी दिवस' की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'सभी प्रदेश वासियों व हिंदी प्रेमियों को 'हिंदी दिवस' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. हिंदी मात्र एक भाषा नहीं, अपितु भारतीय संस्कृति की अनन्य प्रतीक है. भारतीय संस्कारों, जीवन मूल्यों व आदर्शों की प्रबल संवाहक है.

हिंदी भाषा के प्रेमियों के लिए आज पर्व का दिन

बता दें, हिंदी को दुनिया की सबसे सरल और पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है. हिंदी को आज यानी 14 सितंबर 1949 के दिन ही राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था, तब से लेकर आज तक हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी भाषा के प्रेमी इसे पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं. लोग इस अवसर पर आप अपने दोस्तों और परिजनों को हिंदी के अच्छे-अच्छे संदेशों के साथ हिंदी दिवस की शुभकामनाएं और बधाई भेजते हैं.

आज यानी 14 सितंबर का दिन देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य हिंदी भाषा का उत्थान और विकास करना है. इस खास अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेश वासियों और हिंदी प्रेमियों को 'हिंदी दिवस' की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'सभी प्रदेश वासियों व हिंदी प्रेमियों को 'हिंदी दिवस' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. हिंदी मात्र एक भाषा नहीं, अपितु भारतीय संस्कृति की अनन्य प्रतीक है. भारतीय संस्कारों, जीवन मूल्यों व आदर्शों की प्रबल संवाहक है.

बता दें, हिंदी को दुनिया की सबसे सरल और पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है. हिंदी को आज यानी 14 सितंबर 1949 के दिन ही राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ था, तब से लेकर आज तक हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी भाषा के प्रेमी इसे पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं. लोग इस अवसर पर आप अपने दोस्तों और परिजनों को हिंदी के अच्छे-अच्छे संदेशों के साथ हिंदी दिवस की शुभकामनाएं और बधाई भेजते हैं.


इस तरह देश की राजभाषा बनी हिंदी

यूपी के पहले और देश के चौथे मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत का भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान था. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी, लेकिन देश में जब 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ तो इसमें देवनागरी में लिखी जाने वाली हिंदी सहित 14 भाषाओं को आठवीं सूची में आधिकारिक भाषाओं के रूप में रखा गया. छोटे मोटे विरोध के बाद 26 जनवरी 1965 को हिंदी देश की राजभाषा बन गई.


420 मिलियन से अधिक लोगों की मातृभाषा है हिंदी

भारतीय गणराज्य की कुल 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी भी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया भर में करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं. इसके अलावा लगभग 420 मिलियन से अधिक लोग हिंदी को मातृभाषा के रूप में बोलते हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 में इसकी शुरुआत की थी, तब से लेकर प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

यूपी के पहले और देश के चौथे मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत का भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान था. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी, लेकिन देश में जब 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ तो इसमें देवनागरी में लिखी जाने वाली हिंदी सहित 14 भाषाओं को आठवीं सूची में आधिकारिक भाषाओं के रूप में रखा गया. छोटे मोटे विरोध के बाद 26 जनवरी 1965 को हिंदी देश की राजभाषा बन गई.


420 मिलियन से अधिक लोगों की मातृभाषा है हिंदी

भारतीय गणराज्य की कुल 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी भी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया भर में करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं. इसके अलावा लगभग 420 मिलियन से अधिक लोग हिंदी को मातृभाषा के रूप में बोलते हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 में इसकी शुरुआत की थी, तब से लेकर प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.



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