लखनऊ- 1980 के दशक में अपने गानों से लोगों के दिलों पर राज करने वाले सिंगर अमर सिंह चमकीला पंजाबी म्यूजिक की दुनिया में सबसे पॉपुलर सितारा थे. उस दौर में चमकीला के ही सबसे ज्यादा कैसेट रिकॉर्ड होते थे और बिकते भी थे. लगभग 8 सालों तक चमकीला ने पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री पर राज किया. इसके बाद 8 मार्च 1988 को चमकीला अलगाववादियों की गोली का शिकार हो गए. चमकीला की दर्दनाक मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था. उनका धनी राम से अमर सिंह चमकीला बनने का सफर काफी प्रभावशाली रहा.
21 जुलाई 1960 को लुधियाना के दुगरी गांव में जन्में धनी राम को करीबी की वजह से कपड़ा फैक्ट्री में काम करना पड़ा. 7 दिसंबर 1975 को महज़ 16 साल की उम्र में ही धनीराम की शादी गुरमेल कौर से हो गई. शादी के बाद उसके घर दो लड़कियां पैदा हुईं. हालांकि धनी राम का सपना कुछ और था. वो एक बड़ा सिंगर बनना चाहते थे. जब भी उसको समय मिलता वो गाने लिखने लग जाता. उसे जरूरत थी तो एक उस्ताद जो उसे मिल भी गया. धनी राम के टेलेंट को देखकर उस्ताद ने उसे रख लिया और उसका गाना गाकर उस्ताद भी सुपरहिट हो गया. जिसके बाद खुद के लिख गानों को धनी राम ने खुद गाना शुरू किया और देखते ही देखते एक सुपरहिट सिंगर बन गया. उनके उस्ताद व गायक सुरिंदर शिंदा ने धनीराम से खुश होकर उनका नाम अमर सिंह चमकीला रख दिया था.
चमकीला ने अमरजोत कौर के साथ बनाई जोड़ी
1977 के आसपास चमकीला का लिखा गाना सुरिंदर शिंदा ने गाया वो गाना सुपरहिट हो गया. यहीं से उनकी किस्मत खुल गई. फिर 1980 में टकुए ते टकुआ खड़कू नाम से आए एलबम चमकीला की पहली एलबम थी. इस एलबम ने उन्हें कामयाबी के शिखर पर पहुंचा दिया. उन्होंने इस एलबम में सुरिंदर सोनिया के साथ गाना गया था. उस समय एलबम से ज्यादा कमाई पंजाब में लगने वाले अखाड़ों से होती थी. तो चमकीला और सुरिंदर सोनिया ने मिलकर अखाड़े लगाने शुरू किए लेकिन सोनियों उन्हें कम पैसे देती थी जिस वजह से दोनों की जोड़ी टूट गई. इसके बाद उन्होंने फीमेल सिंगर अमरजोत कौर के साथ गाना शुरू किया और इन दोनों की जोड़ी को पंजाब में खूब पंसद किया जाने लगा. चमकीला नहीं चाहता था उनकी जोड़ी टूटे इसलिए शादीशुदा होने के बावजूद चमकीला ने अमरजोत कौर से दूसरी शादी कर ली. इन दोनों की जोड़ी ने कई सुपरहिट गाने दिए.
अश्लीलता की कैटेगरी में आने लगे चमकीला के गाने
अमर सिंह चमकीला और अमरजोत कौर के गाए गए गाने अश्लीलता की कैटेगरी में आने लगे. जिसकी वजह से आम युवा तो उनके गानों को पसंद करते थे लेकिन उनका विरोध भी होना शुरू हो गया. पंजाब के बाकि सिंगर्स का काम लगभग ठप्प हो चुका था. उस समय पंजाब में अलगाववाद का दौर था. अलगाववादियों ने चमकीला को धमकी दी कि वो अश्लील गाने गाना बंद कर दे. जिसके बाद 1986 में चमकीला ने अलगाववादियों से माफी मांगते हुए अश्लील गाने गाने से तौबा कर ली. जिसके बाद चमकीला और अमरजोत कौर ने धार्मिक गाने भी गाए. उनके गाए 21 के करीब धार्मिक गाने काफी फेमस भी हुए. जिनमें बाबा तेरा ननकाना और "तलवार मैं कलगीधर दी हां" जैसे धार्मिक गीत शामिल हैं.