लखनऊ- भारत और चीन की सेनाएं गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके से पीछे हटने को सहमत हो गई हैं. दोनों ही सेनाएं 12 सितंबर तक इलाके को पूरी तरह से छोड़ देंगी. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा था कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को तोड़ा जाएगा और पारस्परिक रूप से सत्यापित किया जाएगा.
गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके में सेनाओं के पीछे हटने को गलवान में हुई हिंसक झड़प से भी जोड़कर देखा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय सेना कमांडरों और अधिकारियों को एक-एक बात का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. सेनाओं के मूवमेंट को भी वेरीफाई किया जाएगा.
कमांडरों को दिए गए ये निर्देश
कमांडरों को निर्देश भी जारी किए गए हैं कि वे पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से पूरी करें और इलाके में तनाव न बढ़ाएं. जून 2020 में गलवान में हुई झड़प (Galwan Clash) को ध्यान में रखते हुए इस पूरी प्रक्रिया के पीछे यही मकसद है कि अब कोई अप्रिया घटना न हो. हालांकि, सूत्र बताते हैं कि पूरी तरह से सेनाओं के पीछे हट जाने को लेकर अभी भी बातचीत की जानी है.
गलवान में शहीद हुए थे 20 भारतीय सैनिक
भारत और चीन गलवान क्षेत्र से अब तक अलग होने में सफल रहे हैं, जहां जून 2020 में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच भयंकर झड़प हुई थी. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिकों (Indian Army) ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए या घायल हुए थे. पीपी 15 से पीछे हटने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए टोक्यो रवाना होने से पहले लिया गया था. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ नई दिल्ली में प्रक्रिया की देखरेख कर रहे हैं.
मोदी और शी जिनपिंग की बैठक?
सूत्रों ने बताया कि अगर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया सुचारू रूप से और सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समरकंद यात्रा के लिए 15 और 16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए मंच तैयार किया जाएगा, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल होंगे. मोदी और शी के बीच बैठक की अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इससे इनकार भी नहीं किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि मोदी-पुतिन की मुलाकात लगभग तय हो चुकी है.